Pradeep Singh
Writer & Poet
मैंने लिखना साल 2010-11 के करीब शुरू किया था। पहली किताब ‘थकान से आगे'(कविता संग्रह) आई 2015 में। फिर साल 2019 में मनोज छाबड़ा के संपादन डायरी संग्रह ‘वरक़ दर वरक़ आई फिर साल 2020-21 में डायरी का अगला भाग ‘बुहारे हुए पल’ आया। तीनों पुस्तकें ‘बोधि प्रकाशन’ जयपुर से आई हैं। एक पंजाबी कवि गुरभजन गिल की पंजाबी कविताओं का हिंदी में अनुवाद किया जो साल 2022 में हंस प्रकाशन दिल्ली से ‘आधारभूमि’ के रूप में प्रकाशित हुआ। वैसे मुझे अब भी लगता है जैसे अभी तो मैंने शुरू किया है।
Tell us how you started?
साहित्य पढ़ने की प्रेरणा मनोज छाबड़ा ने दी। उन्हीं की देखरेख में बहुत सारा और बहुत विविध प्रकार का साहित्य पढ़ा। फिर के ही मार्गदर्शन में लिखते हुए 3 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। / जल्द ही नया कविता संग्रह प्रकाशित होने की उम्मीद है।
What is the hardest challenge you faced in your career and how did you turn it into an opportunity?
मुश्किल यही है कि मुझे सेरिब्रल पॉलसी है जिसकी वजह से मैं 100% शारिरिक तौर पर विकलांग हूँ। मैं पेन तक नहीं पकड़ सकता। बस एक हाथ की उंगलियों से टैब पर टाइप कर पाता हूँ। / और शायद एक जगह बहुत देर तक रुके रहने की वजह से मैं आम व्यक्ति से कुछ ज्यादा देख सका और वही सब मेरे लिखने में आ गया है।
Tell us about the uniqueness of book/business/and how it can help individuals /startups/institutions ?
पाठकों के अनुसार मेरे लेखन में जीवन का हर रंग है। वे कहते हैं हवा, पानी, मिट्टी, बादल से अलग होकर कभी मैं बच्चों के साथ छुपम-छुपाई खेलने लगता हूँ और कभी शॉलों की फेरी लगाते कश्मीरी दोस्त से बात करने लगता हूँ तो कभी पक्ष विपक्ष के झगड़े में सच बोलने की कोशिश करता जान पड़ता हूँ। / 100% विकलांग होते हुए भी मेरा लिखना पढ़ना, मेरी उपलब्धियाँ बहुत लोगों को जीवन के प्रति प्रेरित करती है, ऐसा देश-विदेश से आने वाले फोन्स और मेसेजस में आम कहा जाता है।
Tell us about your social initiatives?
मेरा लेखन अगर किसी एक को भी प्रेरित करता है तो मैं समझूँगा कि मैंने समाज के लिए कुछ किया है।
One special Quote/message for all communities/brands.
अपने सहयोगियों के प्रति पूरी तरह ईमानदार रहें कार्यक्षेत्र हो या जीवन का कोई भी पहलू ईमानदारी और स्नेह कभी मार नहीं खाते।
Any other Happy moments /achievements you would like to share with the world.
महत्वपूर्ण पलों में मेरी पहली किताब ‘थकान से आगे’ का विमोचन रहा। इसके बाद बहुत से महत्वपूर्ण क्षण आए और आते रहेंगे।